नदी
नदी है वो
बहेगी ही
कौन रोकेगा, रास्ते के पत्थर ?
पत्थरों के बीच से
अपना रास्ता बना लेगी
नदी है वो, बहेगी
सागर में मिलने से पहले
कंपेगी, ठिठकेगी एक क्षण
पर नहीं रुकेगी
नदी है वो, बहेगी
वो जानती है
सागर में मिलना ही
एक तरीका है सागर हो जाने का
उस के लिए वो कुछ भी करेगी
नदी है वो, बहेगी