Monday, July 27, 2020

Nadi


नदी 






नदी है वो 
बहेगी ही


कौन रोकेगा, रास्ते के पत्थर ?
पत्थरों के बीच से 
अपना रास्ता बना लेगी
नदी है वो, बहेगी 


 
सागर में मिलने से पहले 
कंपेगी, ठिठकेगी एक क्षण 
पर नहीं रुकेगी  
नदी है वो, बहेगी 


वो जानती है 
सागर में मिलना ही 
एक तरीका है सागर हो जाने का 
उस के लिए वो कुछ भी करेगी 
नदी है वो, बहेगी 

Tuesday, July 14, 2020

dard


दर्द 


मैं वक़्त को सादा  समझ बैठा था 
क्या खबर थी कि वो बदमिजाज़ निकलेगा 

यही सोच कर दर्द पालता हूँ मैं 
कि इन्ही दर्दों से मेरा इलाज निकलेगा 

किसी भी शहर जाओ, कोई भी बस्ती या कोई देस 
जहाँ जाओगे, उस का ही राज निकलेगा 


सुनहरी सुबहें गुलाबी शामें  जादू टोने की बातें  हँसने रोने की बातें  मेरे होने की बातें  मेरे खोने की बातें