दर्द
मैं वक़्त को सादा समझ बैठा था
क्या खबर थी कि वो बदमिजाज़ निकलेगा
यही सोच कर दर्द पालता हूँ मैं
कि इन्ही दर्दों से मेरा इलाज निकलेगा
किसी भी शहर जाओ, कोई भी बस्ती या कोई देस
जहाँ जाओगे, उस का ही राज निकलेगा
सुनहरी सुबहें गुलाबी शामें जादू टोने की बातें हँसने रोने की बातें मेरे होने की बातें मेरे खोने की बातें
Keep it up!
ReplyDeleteVery touching .reality of LIFE
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