Friday, June 26, 2020

pratiksharat

प्रतीक्षारत 

रूकती हूँ एक क्षण के लिए 

जीवन की अप्रत्याशित परिस्थितियों से निबटने ,

अपने अंदर और गहरे झाँकने के लिए 

महसूस करने

कि वो शक्ति पर्याप्त नहीं थी 

दुःख से उबरने के लिए 

अपने ही अंतर के रिपुओं से लड़ने के लिए 

स्वयं पर नियंत्रण के लिए 

और स्वीकार करने के लिए

कि  मैं एक मनुष्य हूँ। 

तब तक प्रतीक्षारत रहूँगी 

जब तक मैं फिर मैं न हो जाऊँ।

Thursday, June 25, 2020

Samay





समय 




पता नहीं समय गुज़रता है 

या कि हम गुज़रते हैं 

क्यों कि हम ही चले जाते हैं 

कभी अतीत की गलियों में 

पुराने समय से मिलने 

कभी भविष्य की खिड़कियों में झाँकने 

रुक कर जीते नहीं कभी वर्तमान को.

 और उस पर ये उलाहना 

कि हमें समय नहीं मिलता। 

समय तो वहीँ खड़ा हमारी बाट जोहता है 

कि कब हम इस आवाजाही से मुक्त हो उस से मिलें















सुनहरी सुबहें गुलाबी शामें  जादू टोने की बातें  हँसने रोने की बातें  मेरे होने की बातें  मेरे खोने की बातें