समय
पता नहीं समय गुज़रता है
या कि हम गुज़रते हैं
क्यों कि हम ही चले जाते हैं
कभी अतीत की गलियों में
पुराने समय से मिलने
कभी भविष्य की खिड़कियों में झाँकने
रुक कर जीते नहीं कभी वर्तमान को.
और उस पर ये उलाहना
कि हमें समय नहीं मिलता।
समय तो वहीँ खड़ा हमारी बाट जोहता है
कि कब हम इस आवाजाही से मुक्त हो उस से मिलें
👏👏
ReplyDeleteFantastic
ReplyDeletesahi kha....hum kahan jeete hain vartman ko
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